किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गँवा देने वाले ये किसान

48 वर्षीय मेवा सिंह प्रदर्शन पर एक कविता लिख रहे थे. कुछ लाइन लिखने के बाद उन्होंने अपने दोस्तों से कहा कि वो अपनी कविता कल पूरी करेंगे. उनकी यह कविता हमेशा के लिए अधूरी रह गई.

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