बेंगलुरु में 16 महीने बाद कोरोना पीड़ितों के शव मिलने का मामला- जानिए क्यों हुआ ऐसा

चेतना को पुलिस का फ़ोन आया और बताया गया कि उनके पिता का पार्थिव शरीर शव गृह में रखा है. वो हैरान रह गईं क्योंकि पिता का अंतिम संस्कार वो 16 महीने पहले चुकी थीं. बेंगलुरु में ऐसे ही दो शवों के 16 महीने बाद मिलने का क्या है पूरा मामला.

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