मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र की गिरफ़्तारी की कहानी

मध्यम कद और 80 की उम्र पार कर चुके बादशाह सफ़ेद रंग की पोशाक पहने हुए थे और उसी कपड़े की एक पगड़ी उनके सिर पर थी. उनके पीछे उनके दो सेवक मोर के पंखों से बनाए गए पंखे से उन पर हवा कर रहे थे. उनके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था. उनकी नज़रें ज़मीन पर गड़ी हुई थीं.

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