‘शोले’ से लेकर ‘बर्फ़ी’ तक: बॉलीवुड की सुपरहिट फ़िल्मों पर नक़ल का इल्ज़ाम क्यों लगता है?

‘एफ़आईआर’, ‘एबीसीडी’ और ‘लापतागंज’ जैसी फ़िल्में लिखने वाले लेखक अमित आर्यन ने दावा किया कि सलीम-जावेद की लिखी फ़िल्म ‘शोले’ राज खोसला की फ़िल्म ‘मेरा गाँव मेरा देश’ की नक़ल है. मगर, बॉलीवुड फ़िल्मों पर क्यों लगता है ऐसा इल्ज़ाम?

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